MP TET Syllabus 2024: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने म. प्र. प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि वे अपनी आवेदन प्रक्रिया 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2024 के बीच आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। जिन पर उम्मीदवारों ने MP TET 2024 के लिए आवेदन किया है सभी अब MP TET Syllabus and Exam Pattern 2024 तलाश रहे हैं।
इस लेख में, हम MP Primary School Teacher Eligibility Test 2024 (MP TET) के नए सिलेबस और परीक्षा पैटर्न के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। जो अभ्यर्थी इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए इस सिलेबस और परीक्षा पैटर्न की पूरी जानकारी आवश्यक है। इसलिए, इस लेख को अंत तक पढ़ें ताकि आप सभी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकें।
MP TET Exam 2024 Highlight
Name of Board | मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल |
Name of Department | मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग |
Name of Exam | Primary School Teacher Eligibility Test 2024 (MP TET) |
Starting date of online application | 01/10/2024 |
Last date of online application | 15/10/2024 |
Exam Date | 10 November 2024![]() |
Exam Mode | Online |
Official Web Site | esb.mp.gov.in |
MP TET Exam Pattern 2024
म.प्र. प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, भाषा, गणित, पर्यावरण अध्ययन विषय से संबंधित बहुविकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे, प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) को पांच भागों में विभाजित किया गया है: भाग 1 में बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। भाग 2 और 3 में आपकी चुनी हुई भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, या उर्दू) से संबंधित प्रश्न होंगे। भाग 4: में गणित तथा भाग 5 में पर्यावरण अध्ययन से संबंधित प्रश्न होंगे। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षा पात्रता परीक्षा 2024 का परीक्षा पैटर्न निम्न प्रकार से हैं-
भाग | विषयवस्तु (सभी अनिवार्य) | प्रश्नों | कुल अंक |
---|---|---|---|
(i) | बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy) | 30 | 30 |
(ii) | भाषा-1 (Language-1) | 30 | 30 |
(iii) | भाषा-2 (Language-II) | 30 | 30 |
(iv) | गणित (Mathematics) | 30 | 30 |
(v) | पर्यावरण अध्ययन (Environmental Study) | 30 | 30 |
कुल | 150 | 150 |
- पात्रता परीक्षा हेतु 150 अंकों का एक प्रश्नपत्र होगा। परीक्षा की अवधि 2.30 घंटे होगी।
- प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा। ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं होगा।
- पात्रता परीक्षा के सभी प्रश्न बहुविकल्पीय (MCQ) प्रकार के होंगे, जिनके चार विकल्प होंगे और एक विकल्प सही होगा।
MP Primary School Teacher Eligibility Test (MP TET) 2024
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy) :- 30 प्रश्न
(अ) बाल विकास :- 15 प्रश्न
- बाल विकास की अवघारणा एवं इसका अधिगम से संबंध।
- समाजीकरण प्रक्रियाएं : सामाजिक जगत एवं बच्चे (शिक्षक, अभिभावक, साथी)
- बाल विकास के सिद्धांत ।
- बालकों का मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याए।
- वशानुक्रम एव वातावरण का प्रभाव।
- विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक ।
- पियाजे, पावलव, कोहलर और थानडाइक: रचना एवं आलोचनात्मक स्वरुप।
- बाल केन्द्रित एबं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा।
- भाषा और विचार।
- व्यक्तित्व और उसका मापन।
- अधिगम के निए आंकलन और अधिगम का आंकलन में अंतर, शाला आधारित आंकलन, सतत एवं समग्र मूल्यांकन: स्वरुप और प्रथाएँ।
- सामाजिक निर्माण के रूप में जेंडर, जेंडर की भूमिका, लिंगमेद और शिक्षक प्रथाएं।
- अधिगम कर्ताओं में व्यक्तिगत भिन्नताएं, भाषा, जाति, लिंग, संप्रदाय, धर्म आदि की विषमताओं पर आधारित भिन्नताओं की समझ।
- बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक स्वरुप और उसका मापन, बहुआयामी बुद्धि।
(ब) बाल विकास :- 5 प्रश्न
- अलाभन्वित एवं वंचित वगों सहित विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं की पहचान।
- समस्याग्रस्त बालकः पहचान एवं निदानात्मक पक्ष।
- प्रतिभावना, सृजनात्मक, विशेष क्षमता वाले अधिगमकर्ताओं की पहचान।
- अधिगम कठिनाइयों, “क्षति’ आदि से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान।
- बाल अपराधः कारण एव प्रकार।
(स) अधिगम और शिक्षा शास्त्र (पेडागाजी) :- 10 प्रश्न
- स्मृति और विस्मृति
- शिक्षण और अधिगम की मूलभूत प्रक्रियाएं, बच्चो के अधिगम की रणनीतिया, अधिगम एक सामाजिक।
- बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं, बच्चे शाला प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में क्यों और कैसे असफल होते हैं।
- समस्या समाधानकर्ता और वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बच्चा।
- बच्चो में अधिगम की वैकल्पिक धारणाएं, बच्चों की बुटियों को अधिनम प्रक्रिया में सार्थक क़ी के रूप में समझना।
- अभिप्रेरणा और अधिगम।
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक ।
- संज्ञान और संवेग।
- अभिक्षमता और उसका मापन।
- निर्देश एवं परामर्श।
हिंदी भाषा (Hindi Language) :- 30 प्रश्न
(अ) भाषायी समझ/अवबोध :- 15 प्रश्न
- अपठित गद्यांश।
- अपठित पद्यांश।
(ब) भाषीयी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र :- 15 प्रश्न
- भाषा सीखना और ग्रहृणशीलता।
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्त्रोत।
- पुनः शिक्षण।
- मौखिक और लिखित अभ्व्यक्ति के अन्तर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनीतियाँ, कठिनाइयां, त्रुटिया एवं क्रमबद्धता।
- भाषा शिक्षण के सिदान्त।
- भाषा के चारों कौशल (सुनना, बोलना, पढना, लिखना) का मूल्यांकन।
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं. .
अंग्रेजी भाषा (English Language) :- 30 प्रश्न
(A) Comprehension :- 15 Questions
- Two unseen prose passages (discursive or literary or narrative or scientific) with questions on comprehension, grammar and verbal ability.
(B) Pedagogy of language development :- 15 Questions
- Learning and acquisition of language.
- Teaching learning materials, text book, multi-media materials multi-lingual resource of the classroom.
- Language skills-listening, speaking, reading, writing.
- Principles of second language teaching.
- Role of listening and speaking, function of language and how children use it as a tool.
- Challenges of teaching language in a diverse classroom, language difficulties.
- Remedial teaching (Re- teaching).
- Evaluating language comprehension and proficiency : listening, speaking, reading and writing.
- The role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in written form.
संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) :- 30 प्रश्न
(अ) भाषायी समझ/अवबोध :- 15 प्रश्न
- अपठित गद्यांश (नाट्यांश/निबंध/कथा आदि से)।
- अपठित पद्यांश (साहित्यिक/सामाजिक समरसता/तात्कालिक घटनाओं पर आधारित)।
(ब) भाषीयी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र :- 15 प्रश्न
- भाषा सीखना और ग्रहृणशीलता।
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्त्रोत।
- पुनः शिक्षण।
- मौखिक और लिखित अभ्व्यक्ति के अन्तर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण के सिदान्त।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनीतियाँ, कठिनाइयां, त्रुटिया एवं क्रमबद्धता।
- भाषा के चारों कौशल (सुनना, बोलना, पढना, लिखना) का मूल्यांकन।
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं
उर्दू भाषा (Urdu Language) :- 30 प्रश्न
(अ) जामे सलाहियत पर मबनी सवालात :- 15 सवालात
- दो गेर दरसी इक्तिबासात (मालूमाती/अदबी/बयानिया/साइंसी)
- सलाहियत पर मबनी सवालात, कवायद, और ज़बानी सलाहियत पर मबनी सवालात।
(ब) ज़बान नशवोनुमा और तदरीसी तरीके :- 15 सवालात
- निसाबी मोजूबात।
- ज़बान में सुनने और बोलने की एहमियत, ज़बान का काम और बच्चों के जरिए जुबान की महारतों का इस्तमाल।
- ज़बान की तदरीस के असूल।
- क्लास रूम में मुखतलिफ तालीमी इ़स्तेदाद वाले बच्चो की ज़बान की मुश्किलात, गल्तियों और बेतरतीबियों के चेलेंज को कुबूल करते हुए ज़बान पढ़ाना।
- ज़बान की महारतें।
- ज़बान की सलाहियत और ज़बान पर उबूर के तजज़िये के लिए बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- ज़बान सीखने और खय़ालात का जबानी और तहरीरी इज़हार करने में कवायद (ग्रामर) के रोल का तनकीदी जायज़ा।
- तालीमी इम्दादी अशिया (TLM) दरसी कुतुब और मल्टी मीडिया मेटीरियल, क्लास रूम में मुहैया मुखतलिफ ज़बानों का मवाद /
- तदारकी तदरीस।
- ख़तूत और दरख़्वास्त तारीफ।
- मज़मून नवीसी।
- अस्नाफे नज़्म – नज़्म गीत।
- ग्रामर – इस्म, जमीर, फ़ेअल, सिफ़त, मेय किस्में जिंस, ज़माना, जुम्ले व मुहावरे, वाहिदजमा, मुजक्कर, मोअन्नस, तजाद, नज्म गीन वगेरह की तारीफ।
- अस्नाफे नस्र – कहानी, मालूमाती मज़ामीन, ड्रामा, मकालमा।
- गैर दरसी इक्तिबास।
- सीखना और यादरखना।
MP TET Math Syllabus :- 30 प्रश्न
(अ) विषयवतु (Content) :- 15 प्रश्न
- संख्या पद्धति।
- जोड़ना एवं घटाना।
- गुणा।
- भाग।
- भिन्न – भिन्न अवधारणा।
- सामान्यतः प्रयोग होने वाली लंबाई, भार, आयतन की बईी व छोटी इकाई में संबंध I
- बडी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों को बड़ी इकाइयों में बदलना।
- ज्ञात इकाइयों में किसी ठोस वस्तु का आयतन ज्ञात करना।
- पैसा, लंबाई, भार, आयतन तथा समय अंतराल से संबंधित प्रत्रो मे चार मूल गणितीय संक्रियाओं का उपयोग करना I
- मीटर को सेंटीमीटर एवं सेंटीमीटर को मीटर में बदलना।
- पैटर्न – संख्याओं से संबंधित पैटर्न को समझ आगे बढाना, पैटर्न तैयार कर उसका संक्रियाओं के आधार पर सामान्यीकरण।
- ज्यामिति।
- वृत्त के कंद्र, त्रिज्या तथा व्यास की पहचान व समझ ।
- वृत्त, त्रिज्या तथा व्यास में परस्पर संबंध, सममित आकृति, परिवेश आधार पर समानान्तर रेखा व लंबवत रेखा की समझ।
- सरल ज्यामितीय आकृतियों।
- परिवेश की 2D आकृतियों की पहचान।
- दैनिक जीवन से सम्बंधित विभिन्न आंकड़ों को एकत्रित करना।
- घडी के समय को घंटे एवं मिनिट में पढना तथा AM और PM के रूप में वयक्त करना।
- 24 घंटे की घडी का 12 घंटे की घडी से सम्बन्धI
- दैनिक जीवन की घटनाओ में लगने वाले समय अतराल की गणना।
- गुणा तथा भाग में पैटर्न की पहचान I
- सममिति पर आधारित ज्यामिति पैटर्नI
- दंड आलेख के माध्यम से प्रदर्शित कर उससे निष्कर्ष निकलना।
(ब) Pedagogical Issues :- 15 प्रश्न
- गिणत शिक्षण द्वारा चिंतन एवं तर्कशक्ति का विकास करना।
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- प्रभावी शिक्षण हेतु परवेश आधारित उपयुक्त शैक्षणिक सहायक सामग्री का निर्माण एवं उसका उपयोग करने की क्षमता का विकास करना।
- मूल्यांकन की नविन विधिया, निदानात्मक परिक्षण व पुनः शिक्षण की क्षमता का विकास करना।
- गणित शिक्षण की नविन विधियों का कक्षा शिक्षण में उपयोग करने की क्षमता।
MP TET पर्यावरण अध्ययन (Environmental Study) Syllabus :- 30 प्रश्न
(अ) विषयवतु (Content) :- 15 प्रश्न
- हमारा परिवार, हमारा मित्र।
- खेल एवं कार्य।
- आवास।
- हमारा भोजन और आदतें।
- पानी और हवा प्रदुषण एवं संक्रमण।
- प्राकृतिक वस्तुएं और उपज।
- मानव निर्मित साधन एवं उसके क्रियाकलापों का प्रभाव।
- अंतरिक्ष विज्ञान।
(ब) Pedagogical Issues :- 15 प्रश्न
- पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और उसकी आवश्यकता ।
- पर्यावरण अध्ययन का महत्त्व, समेकित पर्यावरणीय शिक्षा।
- पर्यावरणीय शिक्षा के सूत्र एवं दायित्व।
- पर्यावरणीय शिक्षा का विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से सहसम्बन्ध।
- अवधारणाओं के स्पष्टीकरण हेतु प्रविधियाँ और गतिविधियाँ।
- परिवेशीय भ्रमण, प्रयोगात्मक कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और उनका महत्व।
- चर्चा, परिचर्चा, प्रस्तुतीकरण और समूह शिक्षण व्यवस्था से सीखना।
- सतत व्यापक मूल्यांकन।
- पर्यावरणीय शिक्षा में शिश्षण सामग्री/सहायक सामग्री और उसका अनुप्रयोग।
- स्थानीय परिवेश की पर्यावरणीय समस्याएँ और उनके समाधान खोजने की क्षमता का विकास।